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Friday, August 22, 2025
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Homeसाहित्यअरुणिमा साहित्यिक गोष्ठी केन्द्रीय पुस्तकालय परिसर मधुबनी जिला मे सम्पन्न भेल।

अरुणिमा साहित्यिक गोष्ठी केन्द्रीय पुस्तकालय परिसर मधुबनी जिला मे सम्पन्न भेल।

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मैथिली साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति केँ तत्वावधानमे अरुणिमा साहित्यिक गोष्ठी डा.बिभा कुमारी क’ अध्यक्षतामे जिला केन्द्रीय पुस्तकालय परिसरमे सम्पन्न भेल। आजुक गोष्ठीमे दर्जनाधिक साहित्यिकार रचना’क पाठ कयलनि।विनोद कुमार झा ‘एकल माय’ आओर कन्दर्पी घाट कविताक पाठ कयलनि।सीताक जीवन संघर्षकें लक्ष्य क’ लीखल कविता एकल माय केँ सराहल गेल। ककना सँ आयल कवि दिनेश चन्द्र झा अपन कविता भ्रममे जीबयै लोक’ कविताक पाठ कयलनि।प्रीतम कुमार निषाद ‘चिंताक चाक’,सुभेष चन्द्र झा हमहीँ खुअबैत छी कविता पाठ कयलनि।डा.रवीन्द्र झा नेता आओर चमचा, डा.श्रीदेव लाल कर्णने पुष्प वाटिका,डा.शुभ कुमार बर्णवाल वीर कुअर सिँह, कविता पढ़लनि।दिलीप कुमार झाक कविता ‘जाहि दिन शंकर ध’ लेलनि ह’रक लागनि’ कृषि कार्यक महत्ता दर्शबैत अछि हिनक कविता।’लोक कट्ठा मन लए तरसैत रहल शंकर खेतमे तीन्ना मन बरसैत रहल’।गामक दर्शनीय जगह बनि गेल शंकर खेत। खेतक जजाति’। शिक्षा मात्र साक्षरता अभियान नहि शिक्षा मे गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण अछि‌ से डा.बिभा कुमारीक कविता ‘विद्याक भवन’ रेखांकित करैत अछि‌।रेवतीरण झा ‘पिता’ आओर प्रभाष कुमार दमन ‘कविक आश’शीर्षक कविता पाठ कयलनि।
कथासत्रमे चारिगोट कथा पाठ भेल।चण्डेश्वर खाँ जल संकट केँ लक्ष्य करैत हेल्पलाइन लघुकथाक पाठ कयलनि। हीरेन्द्र कुमार झक कथा ‘विवशता’ अभाव आओर गरीबी के हालत मनुक्खकें कोना विवश क’ दैत छैक से बहुत मार्मिक ढंग सँ उदघाटित कयल गेल। आइयो बहतो लोक गरीबीक हालतमे कोना विवशताक जीवन जीबाक लेल अभिशप्त अछि से दर्शबैत अछि कथा।मालती मिश्रक कथा ‘बिडंबना’स्त्रीत्वपर संकट आओर एकटा असहाय स्त्रीक व्यथा कथा कहबामे सफल रहल। सोनू कुमार झा ‘छाहरि’ नामक कथा पाठ कयलनि।
संगोष्ठीक संचालन प्रभाष कुमार दमन, समीक्षा डा.वीरेन्द्र झा एवं धन्यवाद ज्ञापन समितिक अध्यक्ष श्री प्रीतम कुमार निषाद कयलनि।आजुक गोष्ठीमे विनोद कुमार झा, (मुंबइ)हीरेन्द्र कुमार झा (दरभंगा) एवं दिनेश चन्द्र झा(पटना) क’ गरिमामय उपस्थिति सँ अरुणिमा परिवार अह्लादित भेल।संगहि स्रोताक रूपमे आनन्द मोहन झा( पोथी अहाँक दुआरि ) सेहो उपस्थित भेलाह आओर संगोष्ठी पर अपन महत्वपूर्ण टिप्पणी देलनि। झौली पासवान कहलनि जे संगोष्ठीक आयोजन नब आओर उभरैत साहित्यसेवीक लेल बहुत महत्वपूर्ण अछि ।अरुणिमाक गोष्ठी चलैत रहबाक चाही‌।संगोष्ठीक आयोजनमे पुस्तकालयाध्यक्ष बिजयशंकर पासवान आओर मायानन्द मिश्रक योगदानक संगोष्ठी मे सराहना कयल गेल।

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