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Friday, August 22, 2025
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आस्था केँ महाकुम्भ – धार्मिक चेतना केँ समागम प्रयागराज मे…..

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आस्था केँ महाकुम्भ – धार्मिक चेतना केँ समागम प्रयागराज मे…..

लहरि रूम (नई दिल्ली) : उत्तर प्रदेश केँ संगम नगरी प्रयागराज मे आयोजित महाकुंभ विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आओर सांस्कृतिक उत्सव अछि , जे की प्रत्येक 12 वर्ष मे एक बार आयोजित कयल जाइत अछि । महाकुंभ मे भारत आ विदेश सँ सनातन धर्म पर आस्था रखनिहार भक्त पवित्र स्नान लेल अबैत छथि |

अपने लोकनि केँ जानकारी दी जे एहि बेर 2025 मे महाकुंभ केँ आयोजन 13 जनवरी सँ होमय जा रहल अछि जे महाशिवरात्रि 2025 केँ 26 फरवरी क’ समाप्त होयत। महाकुंभ एतेक विशेष किएक अछि आ एकर धार्मिक महत्व की अछि से जानि ली ।

महाकुंभ केँ धार्मिक महत्व

सनातन धर्म मे महाकुंभक विशेष महत्व अछि। कुंभ मेला केँ धार्मिक महत्व समुद्र मंथन सँ संबंधित अछि | पौराणिक आ धार्मिक कथाक अनुसार जखन देवता आ राक्षस सभ मिलिकय समुद्र केँ मथलनि तखन अमृत कलश (अमृत कलश) ओहि मे सँ बाहर निकलल | अमृत कलश कुम्भक प्रतीक मानल जाइत अछि । कुंभ अर्थात् कलश (घड़ा)। मुदा ई कोनो साधारण कलश नहि अपितु अमृत कलश अछि आ ई अमृत कलश महाकुम्भ केँ पृष्ठभूमि अछि |

महाकुंभ में राजस्नान का महत्व

हिन्दू धर्म मे पवित्र नदी मे स्नान करब अनादि काल सँ महत्वपूर्ण रहल अछि | लेकिन महाकुंभ के समय पवित्र राजस्नान करला सँ व्यक्ति केँ शारीरिक, मानसिक आ आध्यात्मिक शुद्धि केँ प्राप्ति होइत अछि । मान्यता अछि जे कुंभक समय मे गंगा, यमुना, गोदावरी आ शिप्रा सन पवित्र नदीक जल अमृत जकाँ शुद्ध भ’ जाइत अछि |

अपन मैथिलक स्कूल

अहि कारण सँ 12 साल पर आयोजित प्रयागराज मे लाखों श्रद्धालु स्नान करबा लेल अबैत छथि। कारण एतय गंगा, यमुना आ सरस्वती नदी केँ संगम अछि, जकर कारण एहि स्थानक धार्मिक महत्व विशेष रूप सँ बढ़ैत अछि |

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