
लहरि रूम (रांची ) : अपन सभहक शरीर केँ हृदय आओर रक्त वाहिका हमेशा तात्कालिक वातावरणक परिवेश केँ आधार पर अपन गतिविधि केँ रूपांतरित करैत रहैत अछि। जेकरा सँ रक्त केँ प्रवाह आओर शरीर केँ विभिन्न अंग मे आवश्यक ऑक्सीजन आओर पोषक तत्व भेटैत रहैत छैक । जखन हमरा सभ केँ ठंढा लगैत अछि तखन शरीर केँ सब तंत्रिका तंत्र सक्रिय भ’ जाइत अछि जाहि सँ अपन सभहक शरीरक तापमान नहि गिरय आ हमर महत्वपूर्ण अंग सभ केँ काज करैत रहय ।
जखन अपना सबके जारक आभास होयत अछि , तखन अपन सबके त्वचा आ आँगुर आ पैर कें आँगुर मे रक्त वाहिका संकुचित भ’ जायत छै, जेकरा सँ कम गर्मी निकलएयत छैक। मुदा ई संकुचन (जेकरा ‘वासोकॉन्स्ट्रिक्शन’ कहल जायत छैक ) सँ बाकी परिसंचरण मे अत्यधिक दबाव उत्पन्न होयत छैक , मतलब हृदय केँ शरीर केँ चारु तरफ रक्त पंप करबाक लेल अधिक श्रम करय परैत छैक , जेकरा सँ हृदय गति बढ़ैत छैक आओर रक्तचाप बढ़ी जायत छैक । जार केँ समय शरीर केँ अंदर इ एकटा सामान्य प्रक्रिया अछि , मुदा अतिरिक्त तनाव केँ कारण अन्य व्यक्ति केँ मे हृदय रोग संबंधी लक्षण सेहो भ’ सकैत अछि , जिनका किनको पहिने सँ कोनों बीमारी अछि , खासकर व्यायाम करबाक क्रम। जखन हमसब व्यायाम करैत छी तखन अपन सभहक हृदय तीव्रगति आ बेसी बल सँ धड़कैत अछि आ मांसपेशी मे खून पहुंचाबय वाला रक्त वाहिका फैल जाइत अछि जाहि सँ बेसी रक्त बहय लगैत अछि। एकरा संगहि शरीर केँ अन्य भाग (जेना पाचन तंत्र) मे रक्त केँ आपूर्ति करै वाला रक्त वाहिका संकीर्ण भ’ जायत अछि , जेकरा सँ अधिक रक्त प्रवाह काम करै वाला मांसपेशी मे पहुँचि सकैत अछि ।

जारक मास मे हृदय केँ ध्यान राखी – डॉ. राजेश झा
- प्रातः काल मे भ्रमण केनिहार लोकनि केँ नीक सूर्योदय भेला उपरांत प्रातः कालीन भ्रमण (मॉर्निग वाक) हेतु घर सँ बाहर निकलबाक चाहि।
- बेसी मोटगर कपड़ा नहि, जारक समय मे ह्रदय रोगिये नहि ओहुना एकटा अवस्था भेलाक बाद दू तीन तह (लेयर) मे गर्म कपडा पहिरबाक चाही।
- खान पान मे भोजन मे फैटी आओर प्रोटीन युक्त भोजन करबाक चाही (शुद्ध घी भेटय त’ उत्तम) जाहि सँ शरीर गर्म रहि सकय।
- जार मास रक्तचाप बढ़बाक समस्या बेसी होइत अछि जाहि सँ हृदयाघात आओर ब्रेन स्टोर्क केँ संभावना बढ़ि जाइत अछि, ताहि लेल चिक्तिसिय परामर्श संग हृदय रोगी आओर मधुमेह रोगी केँ BP आ ब्लड शुगर केँ बराबर करेबाक चाही।
एनजाइना सँ पीड़ित लोक केँ जारक महीना मे हुनक शारीरिक लक्षण मे होय वला रूपांतरण केँ अनुभव स्वयं क’ सकैत छथि। जारक समय मे आन दिन सँ कम सक्रीय रहैत हेतनि संगहि, खून स्वयं मोट आ चिपचिपा भ’ जाइत हेतनि अछि आ थक्का बनबाक संभावना बेसी बनि जाइत हेतनि। जे कारण होइत अछि हृदयघात या स्ट्रोक आओर CHF (क्रोनिक हार्ट फेलियर) भ’ सकैत अछि । अस्तु अगर अहांके हृदय केँ बीमारी अछि तं जार मे शरीर केँ गर्म रखनाय जरूरी अछि। जं अहां कें पता चलएयत अछि जें जारक मौसम मे अहां केँ असहजता आभास होयत अछि , त’ सबसँ ठंडा दिन मे घरक कें भीतर रही आ संभव होई तँ घरक भीतर मे व्यायाम करी।