नई दिल्ली : शराब घोटाला मे अरविंद केजरीवालक गिरफ्तारी केँ बाद दिल्ली मे राजनीतिक संकट दिनानुदिन बढ़ैत जा रहल अछि। अरविंद केजरीवाल एखन तिहार जेल मे बंद छथि। ओना ओ एखनो मुख्यमंत्री पद पर बनल छथि। भाजपा लगातार अरविंद केजरीवाल सँ इस्तीफा केँ मांग क’ रहल अछि। दोसर तरफ आम आदमी पार्टी केँ दावा अछि जे अरविंद केजरीवाल वर्तमान मे मुख्यमंत्री छैथ आओर आगूओ रहता । एहन स्थिति मे दिल्ली केँ उपराज्यपाल वीके सक्सेना जिक पत्र केँ कारण आम आदमी पार्टी केँ भीतर मे तनाव बढ़ि गेल अछि। बताओल जा रहल अछि जे एलजी गृह मंत्रालय केँ कहलनि अछि जे केजरीवाल जेल गेलाक बाद सरकार केँ कामकाज पर चर्चा करय लेल एकटा बैसार बजाओल गेल छल जाहि मे मंत्री सभ भाग नहि लेलनि। ओ कहलनि जे, एहि सँ नेता सबहक सवेदनशीलता केँ पता चलैत अछि।
राष्ट्रपति शासन केँ लगेबाक कतेक संभावना अछि ?
दिल्ली केंद्रीय क्षेत्र अछि, ताहि लेल एहि ठाम लेफ्टिनेंट गवर्नर क भूमिका सदिखन बहुत महत्वपूर्ण होइत अछि । एहन मे जौं मुख्यमंत्री जेल मे छथि आ ओ इस्तीफा नहि दैत छथि त उपराज्यपाल संवैधानिक मशीनरी क टूटबाक हवाला द सकैत छथि आ धारा 239 एबी क तहत राष्ट्रपति शासन क सिफारिश क सकैत छथि। ओही धारा 239एए के इस्तेमाल सरकार के बर्खास्त करय लेल कएल जा सकैत अछि. मुदा कानून क अनुसार केजरीवाल ता धरि मुख्यमंत्री बनल रहि सकैत छथि जा धरि हुनकर दोषी साबित नहि भ जाएत। एहन स्थिति मे दिल्ली क संबंध मे सबटा फैसला आब उपराज्यपाल क हाथ मे अछि। दोसर दिस आम आदमी पार्टी सहानुभूति वोट लेल एहन मुद्दा उठेबाक कोशिश क सकैत अछि ताकि भाजपा कए गोदी मे राखल जा सकए।
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