spot_img
Friday, August 22, 2025
spot_img
Homeसाहित्यमैथिली साहित्यकेँ उदार बनयबाक एक साहसिक प्रयोग कयलनि डा. सुभाष चन्द्र यादव...

मैथिली साहित्यकेँ उदार बनयबाक एक साहसिक प्रयोग कयलनि डा. सुभाष चन्द्र यादव : हितनाथ झा

-

मैथिली साहित्यमे डा. सुभाष चन्द्र यादवक कृति ‘घरदेखिया , बनैत-बिगरैत'(कथासंग्रह )सँ लय गुलो, मडर ,भोट(तीनू उपन्यास) सहित रमता जोगी ,जतरा (यात्रा संस्मरण) , करैत ‘ नित नवल राजकमल, पर विनिबंध लिखि, मैथिली साहित्यानुरागीक लेल हिनक लेखनीक विशिष्टता आ निजताक कारण उच्चकोटिक साहित्यकारक कोटिमे उपलब्ध भेलैक । हिनक कोनो विधाक लेखनी उठा पढ़ि लेब , तँ लागत ई एक नव मोड़पर , नव सोचपर , भाषाक प्रवाहक दृष्टिसँ सेहो ,एक वर्गक भाषाक प्रयोगक प्रतिनिधि बनैत सेहो साहित्यमे अनलनि अछि , जे हिनक दूरदृष्टिक परिचायक छनि । केदार कानन ठीके कहलनि अछि -‘ ‘ बहुत संघर्ष आ बहुत कठिन साधनासँ कोनो साहित्यमे सुभाष सन लेखक तैयार होइत अछि ।'” मैथिलीक प्रायः एकमात्र इएह लेखक छथि जे हिनक एक उपन्यास’गुलो’पर एतेक समीक्षकक ध्यान गेलनि जे एक किताबक रूपमे अयलनि – ” गुलो : कला आ भाषा “।
पचपनिया मैथिली भाषाक , एक बन्धनकेँ तोड़ि ,मैथिली साहित्यकेँ उदार बनयबाक एक साहसिक प्रयोग कयलनि ,से सफल रहलनि ,ई बात अनेक समीक्षकक मन्तव्य छनि ।
सहमति -असहमति कोनो विन्दुपर , कोनो प्रयोगपर विचारणीय भ’ सकैछ ,ओहिपर विमर्श कैल जा सकैछ ,मुदा एहिपर कतौ कोनो संदेह नहि हेबाक चाही जे मैथिली साहित्यमे डा. सुभाष चन्द्र यादवक कृतित्व अति बहुमूल्य छनि ।
प्रबोध साहित्य सम्मान , साहित्यिकी सम्मान , विदेह सम्मान सहित अनेक सम्मानसँ सम्मानित डा. सुभाष चन्द्र यादवकेँ अति प्रतिष्ठित विश्वम्भर साहित्य सम्मानसँ अलंकृत कयलापर वस्तुतः विश्वम्भर फाउंडेशन , राँची(झारखण्ड) गौरवान्वित भेल अछि आ पूर्वमे सम्मानित साहित्यकारक एहि कड़ीमे आनि पुरस्कृत मालामे एक आर सुवासित पुष्प आदरणीय सुभाष जीक रूपमे गाँथल गेल अछि ,से हमर मानब अछि ।
हार्दिक बधाइ विश्वम्भर फाउंडेशन ,राँची , निर्णायक मंडल ,संयोजक एवं सम्मानित साहित्यकारकेँ ।

Related articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest posts