दरभंगा : लोक शक्ति केँ भक्त बाबा यात्री-नागार्जुन मूलतः विपक्ष केँ जननेता कवि छलाह | जे जीवन भरि वर्चस्ववादी सत्ताक विरुद्ध प्रतिरोधक संस्कृति केँ समृद्ध करैत रहलाह | हुनक विशेषता ई छेलैन जे जनहित केँ विरुद्ध जे काज करै वाला जे रहला हुनका कहियो नहि बख्शला । सत्ताधारी दलक होथि, विपक्षक होथि वा अपन तथाकथित वामपक्षक। ई वक्तव्य कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय केँ कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय अपन संबोधन मे आधुनिकता केँ वर्तमान युग मे पुरान महान साहित्यकार केँ बिसरला पर चिंता व्यक्त करैत कहलनि जे बाबा नागार्जुन समतावादी समाज केँ निर्माण केँ प्रबल समर्थक छलाह | विडंबना ई जे हुनका बाद कियो एहि दिशा मे आवाज उठेबाक कष्ट नहि केलक ।
एहि सँ पूर्व संस्थान केँ महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू जीक संग केंद्रीय पुस्तकालय केँ निदेशक एवं पीजी मैथिली विभाग केँ प्रमुख डॉ. दमन कुमार झा, मैथिली विभाग केँ पूर्व प्रमुख प्रो रमेश झा, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय केँ पूर्व निदेशक डॉ. अशोक कुमार मेहता, विद्यापति सेवा संस्थान केँ मीडिया समन्वयक प्रवीण कुमार झा, पंचोभ पंचायत प्रमुख राजीव कुमार झा, कवि शंभू नाथ मिश्र, अमरनाथ चौधरी, डॉ. उदय कांत मिश्र, प्रह्लाद चंद्र कुमार, प्रो.राज किशोर झा, शिवशंकर झा, मिथिलेश मिश्र आदि द्वारा विश्वविद्यालयक केन्द्रीय पुस्तकालय परिसर मे बाबा यात्री-नागार्जुन केँ स्थापित प्रतिमा पर पुष्प-माला अर्पित क’ भावुक श्रद्धांजलि अर्पित कयल गेल |
एहि अवसर पर टिप्पणी करैत दूरस्थ शिक्षा निदेशालयक पूर्व निदेशक डॉ. अशोक कुमार मेहता कहलनि जे यात्री-नागार्जुन वाकई मे जनताक व्यापक राजनीतिक आकांक्षा सँ जुड़ल एकटा अद्वितीय कवि छलाह । जिनकर विभिन्न भाषा पर गजब केँ एकाधिकार छल। हिनक रचना मे भाषाक अनेक स्तर छल, स्थानीय बोलीक विशिष्ट शब्द सँ लऽ कऽ शास्त्रीय संस्कृत आधारित वाक्यांश धरि । यैह कारण छल जेआम लोकक आकांक्षाक चरित्र केँ केंद्र मे राखि मैथिलीक अतिरिक्त हिन्दी, बंगला आ संस्कृत मे अनेक तरहक बात लिखैत छलाह।
विद्यापति सेवा संस्थान केँ महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू कहलनि जे यात्री-नागार्जुन नहि केवल आम जनता केँ मुक्ति संग्राम मे रचनात्मक सहभागिता देलखिन, बल्कि जीवन भरि जनसंघर्ष मे सेहो सक्रिय रहलाह आ कविक रूप मे प्रसिद्ध भेलाह आ… प्रगतिशील धारा केँ कथाकार सेहो । अपन संबोधन मे हुनी बैजू जी विश्व प्रसिद्ध बाबा नागार्जुन केँ जनकविक रूप मे पद्म पुरस्कार सँ वंचित होय केँ निराशा व्यक्त करैत मांग रखलथि जे जनकवि बाबा यात्री-नागार्जुन केँ जननायक कर्पूरी ठाकुर जेहन भारत रत्न सँ सम्मानित कयल जाय ।
पी.जी.मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ. दमन कुमार झा अपन संबोधन मे हिनका एकटा एहन जनकविक रूप मे उल्लेख केलनि जे सदिखन शक्ति केँ आँखि मे देखैत छलाह आ सामाजिक सरोकार केँ प्राथमिकता दैत अपन शब्द सँ घायल करैत छलाह। जखन कि प्रो. रमेश झा कहलनि जे यात्री-नागार्जुन सही अर्थ मे जनकवि छलाह | जे न केवल तीक्ष्ण कविता लिखलनि बल्कि आन्दोलन मे सक्रिय रूप सँ भाग ल’ क’ अभूतपूर्व जनजागरण केँ उदाहरण सेहो बनौलनि। पंचोभ पंचायत प्रमुख राजीव कुमार झा कहलनि जे बाबा केँ आलोचना करय केँ अपन अलग शैली छल। कवि शंभूनाथ मिश्र कहलनि – बाबा यात्री सही अर्थ मे भारतीयता माटीक सँ जनमल आधुनिक कवि छलाह जे मैथिली माटि सँ उभरि हिंदी साहित्य मे अपन स्थान बनौलनि।
श्रद्धांजलि सभा केँ संचालन करैत संस्थान के मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा कहलनि जे बाबा यात्री-नागार्जुन कबीर जकाँ अभिमानी, मुखर त’ छलाह, संगहि जीवनक अंत धरि व्यवस्थाक विरुद्ध सेहो लड़ैत रहलाह। एहि अवसर पर पीजी मैथिली विभागक शोधकर्ता लोकनिक उल्लेखनीय उपस्थिति छल जाहि मे डॉ. उदय कांत मिश्र, अमरनाथ चौधरी, हरिकिशोर चौधरी, आशीष चौधरी, मणिभूषण राजू, पुरुषोत्तम वत्स आदि छलाह ।