नई दिल्ली/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमदिन विपक्षी दलसभ पर आरोप लगओलनि जे ओ अपन राजनीतिक विफलताकेँ झाँपबाक लेल संसदक दुरुपयोग कऽ रहल छथि। सभ राजनीतिक दलक सांसदकेँ समर्पित रूपसँ संसदक उपयोग करबाक चाही।
संसदक मानसून सत्रसँ पहिने मीडियाक प्रतिनिधिसभसँ ओ कहलनि, ष्मंगलदिन संसदमे प्रस्तुत कयल जायवला बजट पाँच सालमे सरकारक काजक दिशा निर्धारित करत।
काल्हि हम जे बजट प्रस्तुत करब ओ अमृतकालक एकटा महत्वपूर्ण बजट अछि। जे अवसर हमरा पाँच साल सँ भेटल अछि, ई बजट ओहि पांच साल के दिशा तय करत। ई बजट २०४७क विकसित भारतक सपनाकेँ मजबूत करत। ओहि सपना के पूरा करय के लेल हम सब एकटा मजबूत नींव वाला बजट के संग काल्हि देश के सामने आबि जाएब।
प्रधानमंत्री कहलनि जे ई प्रत्येक भारतीयक लेल बहुत गर्वक बात अछि जे भारत पैघ अर्थव्यवस्थामे सबसँ तेजीसँ बढ़ैत देश अछि। ओ कहलनि जे देश पछिला तीन सालसँ लगातार ८ प्रतिशतक वृद्धिक संग आगू बढ़ि रहल अछि।
प्रधानमंत्री कहलनि जे ई बहुत गर्वक बात अछि जे लगभग ६० सालक बाद कोनो सरकार तेसर बेर सत्तामे वापस आयल अछि आ तेसर पारीक पहिल बजट प्रस्तुत करबाक सौभाग्य पाबि रहल अछि।
राष्ट्र एकरा भारतक लोकतंत्रक गौरवपूर्ण यात्रामे एकटा बहुत सम्मानजनक घटनाक रूपमे देखि रहल अछि। ई बजट सत्र अछि। जे गारंटी हम देशवासी के दैत आबि रहल छी, ओहि गारंटी के जमीनी स्तर पर लागू करय के अछि आ हम एहि लक्ष्य के संग आगू बढ़ि रहल छी।
लोकसभा चुनावक दौरान राजनीतिक दलक लड़ाईक उल्लेख करैत मोदी कहलनि जे आब सबकेँ एकरा पाछू छोड़ि अगिला पाँच साल धरि देशक लेल मिलिकऽ लड़य पड़त।
ओ कहलनि, हम सभ राजनीतिक दलसँ आग्रह करब जे संसदक एहि गरिमापूर्ण मंचक उपयोग अगिला साढ़े चारि साल धरि करू, दलीय विचारसँ ऊपर उठि एकरा मात्र देशकेँ समर्पित करू, ओ कहलनि।
ओ कहलनि जे जखन २०२९ मे लोकसभा चुनाव आबि जाय तखन ओहि चुनावी साल मे जे खेल खेलय पड़त से खेलू, मुदा तखन धरि देश, देशक किसान, गरीब, युवा आ महिला के सशक्त बनाबय लेल केवल आ केवल जनसहभागिता के जन आंदोलन बनाउ।
प्रधानमंत्री संसदक पछिला सत्रमे राष्ट्रपतिक अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्तावक दौरान विपक्षी सदस्य द्वारा उत्पन्न हंगामा आ शोर-शराबक उल्लेख करैत कहलनि जे किछु दलक नकारात्मक राजनीति देशक महत्वपूर्ण समय, संसदक एक तरहेँ अपन राजनीतिक विफलताकेँ झाँपबाक लेल दुरुपयोग कयलक।
पहिल सत्रमे जे भेल ओ सरकारक आवाजकेँ दबायबाक अलोकतांत्रिक प्रयास छल जकरा १४० करोड़ देशवासी बहुमतसँ सेवा करबाक आदेश देलनि। ढाई घंटा धरि देशक प्रधानमंत्रीक गला घोंटबाक लेल, हुनकर आवाज रोकबाक लेल, हुनकर आवाज दबाबय लेल… लोकतांत्रिक परम्परामे कोनो स्थान नहि भऽ सकैत अछि।
ओ कहलनि जे जे सदस्य हंगामा केलनि ओ पश्चाताप तक नहि करैत छथि आ ने हुनक हृदयमे कोनो दर्द अछि। ष्देशवासी हमरा सभ के एतय देश के लेल भेजने छथि, पार्टी के लेल नहि। ई सदन पार्टीक लेल नहि अछि, ई सदन देशक लेल अछि।