spot_img
Friday, August 22, 2025
spot_img
Homeसाहित्यश्रद्धांजलि:-मैथिली साहित्यकेँ इजोत दिस लs जयबामे सक्षम छलाह डा. अमरनाथ मिश्र: हितनाथ...

श्रद्धांजलि:-मैथिली साहित्यकेँ इजोत दिस लs जयबामे सक्षम छलाह डा. अमरनाथ मिश्र: हितनाथ झा

-

हजारीबाग (झारखण्ड):डा.अमरनाथ मिश्र मैथिली साहित्यमे ‘ इजोत दिस'(कथा-संग्रह)सँ प्राध्यापकीय सेवासँ सेवानिवृत्तिक सत्रह वर्षक उपरान्त 2017मे पदार्पण कयलनि । पटना विश्वविद्यालयसँ रसायन शास्त्रमे एम.एस. सी.,पीएच.डी.कयलनि।प्रारम्भमे जमशेदपुर को-आपरेटिव, कॉलेज(1960-62) ,तकर बाद भागलपुर विश्वविद्यालय(1962-2000)क रसायन शास्त्रमे विभागाध्यक्ष आ विज्ञानमे ‘डीन’ आदि पदपर आसीन भेलाह। होमी भाभा इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन(मुम्बइ) -संकल्पित -एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्डसँ सम्मानित भेल छलाह ।
डा. मिश्र स्वयं विश्वविद्यालयक प्राध्यापक रहल छथि, विभिन्न विश्वविद्यालयमे व्यख्यानसँ उच्चतर छात्र लोकनिकेँ लाभान्वित कयने छथि, करीब पन्द्रह किताब रसायन शास्त्रमे प्रकाशित छनि, मुदा हुनका बाल एवं किशोर छात्र लेल लिखबाक प्रेरणा “कोन बनेगा करोड़पति”क बाल एपिसोडसँ भेलनि। एक दिस देशक भावी भविष्यक प्रतिभाक चमत्कार देखि चकित होइत छलाह, ओकर ज्ञान, विज्ञान,कला, अंतरिक्ष, खेलकूद, गीत-संगीत आदि विकसित होइत समाज,देश-विदेशक विषयमे अन्यतम जनतब सूनि हर्ष भ’रहल छलनि, तँ दोसर दिस हिनक शिक्षक-मन मिथिलाक गाम-गाममे घूम’ लगलनि, गरीबी , चलि अबैत रीति-रिवाज ,अंधविश्वास, शिक्षाक प्रति लापरवाह जखन देखलनि तँ मन कचोटलकनि।
आ से जँ कचोटि मन चुप भ’ बैसि जयतथि तँ की शिक्षक आ साहित्यकारक मनकेँ न्यायवंचित नहि करितथि ,तैं लेलनि हाथमे कलम आ कठिन रास्ताकेँ सुगम बनबैत , कुरीतिक अन्धकारकेँ छँटैत, स्वर्णिम भविष्यक माला गुंथैत, ज्ञान-विज्ञान- अंतरिक्ष-चन्द्रयानसँ परिचित करबैत, अंधविश्वासकेँ लोकविश्वासमे बदलैत, असमानताकेँ समानता दिस बढ़बैत, नेने टाकेँ नहि,युवा आ वुजूर्गहुँकेँ प्रेरित करैत, उपकार करबाक उत्तराधिकारीक चयन उचित हाथमे दैत इजोत दिस ल’ जाइत समाजकेँ जे सनेस, सरल -सहज -वार्तालापक शैलीमे कोनो विशेषज्ञ टा मात्र द’ सकैत अछि आ से देलनि अछि रसायनआ साहित्य शास्त्रक विद्वान डा. अमरनाथ मिश्र अमरेन बाबू (बाबा), बासंती, निशा, अरुणेश , एक वैज्ञानिकआ किछु युवा एवं बुजुर्ग पात्रक माध्यमसँ।
एहि उपन्यासक विषयमे स्वयं डा. मिश्र कहैत छथि -” बासंती प्रियंवदा” हमरा लेल कोनो उपन्यास मात्र नहि ,अपितु हमर हृदयक सीस्मोग्राफ अछि।”
एहिसँ पहिने जे हिनक पोथी ” इजोत दिस “आयल छल , ओहि पोथीक विषयमे डा. भीमनाथ झाक कथन छनि -” संग्रहक पन्द्रहो कथा संघर्षक कथा थिक, पुरुषार्थक विजयक कथा थिक, चेतनाक विकासक कथा थिक, विभेदक पराजयक कथा थिक, घृणाक पराभवक कथा थिक, समरसताक संदेशवाहकक कथा थिक। आ ई सभटा अपना लोकनिक घरक कथा थिक, हमरे-अहाँक गामक कथा थिक। पह फटैत कालक कथा थिक, पूब क्षितिज लालक कथा थिक।” डा. चन्द्रमणि झाक मानव छनि -” विगत दस बरखमे प्रकाशित मैथिलीक जतेक पोथी पढ़लहुँ अछि ताहिमे डा. अमरनाथ मिश्रक कथा-संग्रह श्रेष्ठतममे सँ एक अछि।”
‘बासंती प्रियंवदा’ उपन्यासक विषयमे स्वयं डा. मिश्र कहैत छथि -” बासंती प्रियंवदा” हमरा लेल कोनो उपन्यास मात्र नहि ,अपितु हमर हृदयक सीस्मोग्राफ अछि।” चारि दिन पूर्वक हिनक लिखल उपर्युक्त कथन काल्हि पढ़ितहि रही कि अकस्मात फेसबुकपर पढ़ल डा. मिश्र आब हमरा लोकनिक बीच नहि छथि । अपन गाम गोनौली (मधुबनी) मे अकस्मात हिनक निधन भ’ गेलनि।
एही वर्ष 08 फरबरी क’ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति,मधुबनी द्वारा सम्मानित भेल छलाह।
‘ लहरि परिवार ‘ दिससँ विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करैत छियनि ।

Related articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest posts