देखू, जहिना यशस्विनी सहाय जी (की हुनकर नाम अछि?) केँ टिकट भेटलनि, रांची लोकसभा मे उत्साह बढ़ल, चर्चा पहिने सँ बेसी भ’ गेल आ एहि सँ कांग्रेस केँ जरूर फायदा होयत, हम जीत आ हार केँ बात नहि क’ रहल छी। हम उत्साह केँ बात क’ रहल छी।
कांग्रेस कार्यकर्ता सेहो एकटा अलग उत्साह मे देखल जाइत छथि, चुनाव परिणाम पर जे किछु सोचथि, हुनकर राजनीतिक रणनीति जे किछु हो, मुदा सालो बाद हुनका नव आ ताजा चेहरा भेटल अछि आ एकर असरि किछु तँ परबे करतै ।
हम इहो कहब जे कांग्रेस प्रत्याशी युवा छथि आ युवा हेबाक कारणे हुनकर आत्मविश्वास आ साहस कम नहि करब कारण हम स्वयं राजनीति मे युवा केँ अधिकतम भागीदारी केँ समर्थक अछि , हाँ ई बात सही अछि जे हुनका राजनीतिक अनुभव नहि छनि। हो वा नहि, एकर मतलब ई नहि जे जँ परिणाम हुनकर पक्ष मे अछि तखन ओ एहि सँ नीक काज नहि क’ सकैत छथि ।
कांग्रेस कार्यकर्ता मे निश्चित रूप सँ किछु नव करबाक आ किछु नव जोड़बाक उत्साह भेटल अछि, एहि बेर हुनका एकर पूरा फायदा उठाबय पड़तनि आ अपन नेता के जीतय लेल हर संभव प्रयास करय पड़तनि।
युवा होय केँ नाते हम एकटा युवा उम्मीदवार केँ हतोत्साहित नै करय चाहब कियाक तँ “पंडित दिन दयाल उपाध्याय” अपन किताब “पोलिटिकल डायरी” मे लिखने छथि जे जिनका राजनीति मे रुचि होनि ओकरा चुनाव लड़य पड़तनि, तखन हम कांग्रेस केँ संग छी जे उम्मीदवार केँ कोना हतोत्साहित करब ?
कांग्रेस राँची लेल किछु अलग काज केलक अछि जेकर उम्मीद एकदम नहि छल, मुदा कोनो युवा केँ उम्मीदवार बनेबाक लेल आ संगहि राजनीति मे महिला केँ भागीदारी सुनिश्चित करय लेल सेहो उत्साहवर्धक अछि कियाक तँ दीपिका पांडेय जी के टिकट काटल गेल छल तँ कोनो दोसर महिला केँ टिकट कतौ दोसर ठाम सँ देनाइ अनिवार्य भ’ गेल छल। त बैलेंस नीक भेल, हमरा नीक लागल – अविनाश मिश्रा
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