एहि वर्ष होलिका दहन २४ मार्च २०२४ छल आ होली २६ मार्च २०२४ भेल। मुदा लोक सब कोना माईनतैत। किछ लोक २५ मार्च क सेहो होली खेलला , आ किछ लोक २६ मार्च क’ सेहो खेलला। ओहि ल’ क’ एहि बेरक होली बाल गोविन्द भ’ गेल , कहैक मतलब आधा – छिद्धा भेल। करकरोआ होली नै भेल। ओना त एही बेल लोकक घर मे गृहणी सब किछु बेसिये खटलइथि । हुनका सब के त दुनू दिन पुआ, दहीबड़ा, माउस, छोला, आदि के व्यबस्था कर परलैन। हमहुँ सब खूब आनंद लेलौं दुनू दिन पुआ , दहीबड़ा क’। हमर एकटा मित्र छथि गौतम बाबू बेचारा कतेक जगह की – की खा लेला, हम कहैत कहैत रहि गेलौं हमरा ओतय ओ केवल कखनो काल के दू – चारि टा दहीबड़े टा खेला. हमरो मन नै भरल आ ओ बेचारा केँ त’ नै पुछु। बाजार मे सेहो लोक क’ केवल कपड़ा फार होली खेलाइत देखलौं , रंग केँ अभाबे छल, केवल धुरखेल। अपनो मैथिल सब एहि बेर मैथिल संस्था सब द्वारा आयोजित होली मिलन मे होली खेल क’ संतोष क लेला। अपना मिथिला मे त’ जहिया स नितीश कुमार जी केँ कृपा भेल अछि ओहिना होली फीका भेल अछि। झारखण्ड मे सेहो स्थिति कमो बेस आचार संहिता लगला क’ कारणे होली नरमाएला छल।
चलु- बांकी सब बहुत सुन्दर, सब गोते एहिना होली क’ रंग मे भरी वर्ष रंगल रही आ स्वस्थ, समृद्ध, आ ऊर्जाबान रही।
नवीन कुमार झा
