नई दिल्ली/ प्रश्न पत्र लीक विवादक बीच केंद्र नीट-यूजी, यूजीसी-नेट परीक्षामे कदाचारकेँ रोकबाक लेल कठोर कानून लागू कऽ देलक। एम्हर कांग्रेस शनिदिन आरोप लगओलक जे नीट-स्नातक, यूजीसी-नेट परीक्षाक विवादक बीच केंद्र सरकारक द्वारा जारी ‘सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) अधिनियम, २०२४क’ अधिसूचना स्थितिकेँ नियंत्रित करबाक मात्र प्रयास अछि। एकरा सं किछु नहि हैत। हमरा लोकनिक मांग अछि जे परीक्षा रद्द कएल जाए। ई कार्रवाई केन्द्र सरकारक नाम मात्रक कार्रवाई अछि
पार्टीक महासचिव जयराम रमेश कहलनि जे एहि कानूनक आवश्यकता छल मुदा ई पेपर लीकक बादक स्थितिसँ निपटावैक प्रयास अछि, जखन कि कागज लीक नहि होयबाक लेल कानून आ प्रक्रियाक आवश्यकता छल।
केन्द्र शुक्रदिन प्रतियोगी परीक्षामे कदाचार आ अनियमितता पर अंकुश लगाबय लेल एकटा कठोर कानून लागू कयलक। यदि एहि कानूनक अन्तर्गत दोषी पाओल जाइत अछि तँ अधिकतम १० सालक कारावास आ एक करोड़ रुपया धरि जुर्मानाक प्रावधान अछि।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लगभग चारि मास पहिने लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक २०२४केँ स्वीकृति देलनि छल। कार्मिक मंत्रालय द्वारा शुक्रदिन राति जारी एकटा अधिसूचनामे कहल गेल अछि जे अधिनियमक प्रावधान २१ जूनसँ लागू भऽ जायत। मुदा, विरोधी एहि पर सवाल उठा रहल छथि। हुनकर कहब छनि जे एकरा नीट परीक्षासँ पहिने लागू करबाक छल। ई स्पष्ट रूपसँ देखबैत अछि जे सरकार आ सरकार अपन लोक आ व्यापारिक मानसिकताक दलालसभकेँ लाभान्वित करबाक प्रयास कऽ रहल छल।