नई दिल्ली/ सुप्रीम कोर्ट सोमदिन फैसला देलक जे यदि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 के पवित्रता नष्ट भऽ गेल हैत आ लीक प्रश्न पत्र सोशल मीडिया के माध्यम सँ प्रसारित कैल गेल होयत तखन फेर सँ परीक्षा के आदेश देबय पड़त।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला आ मनोज मिश्रक पीठ इहो कहलक जे यदि टेलीग्राम, व्हाट्सएप आ इलेक्ट्रॉनिक माध्यमसँ प्रश्न पत्र लीक भऽ रहल अछि तँ ई जंगलक आगि जकाँ पसरि जायत। एकटा बात स्पष्ट अछि जे प्रश्न पत्र लीक भऽ गेल अछि।
पीठ कहलक, जँ परीक्षाक पवित्रता खतम भऽ जाइत अछि तँ नव परीक्षाक आदेश देबय पड़त। जँ हम अपराधीसभक पहिचान करबामे असमर्थ छी तखन फेरसँ जाँचक आदेश देबय पड़त। पीठ इहो कहलक जे जँ लीक सोशल मीडियाक माध्यमसँ प्रसारित कयल गेल अछि तखन फेरसँ जाँचक आदेश देबय पड़त। ष्जे भेल से हमरा इनकार नहि करबाक चाही।
ई मानैत जे सरकार परीक्षा रद्द नहि करैत अछि, प्रश्न पत्र लीकक लाभार्थीक पहिचान करबा लेल की करत?
सुप्रीम कोर्ट सोमदिन मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी २०२४ सँ जुड़ल ३० सँ बेसी याचिकापर सुनवाई शुरू केलक, जे विवादमे फँसल अछि। एहिमे ५ मईकेँ आयोजित परीक्षामे अनियमितता आ कदाचारक आरोप लगयवला याचिका आ परीक्षा नव रूपसँ आयोजित करबाक निर्देश देबाक मांग करयवला याचिका सम्मिलित अछि।
एहि मे कोनो संदेह नहि अछि जे प्रश्न पत्र लीक भऽ गेल अछि। हम रिसाव के सीमा के पता लगा रहल छी। एहिमे कहल गेल अछि जे किछु ष्चेतावनीक संकेत छल, किएक तँ ६७ उम्मीदवार ७२० मे सँ ७२० अंक प्राप्त कयने छलाह।
ई अनुपात पछिला सालमे बहुत कम छल। शीर्ष अदालत कहलक जे ओ जानय चाहैत अछि जे प्रश्न पत्र लीक सँ कतेक लोक के फायदा भेल आ केंद्र हुनकर खिलाफ की कार्रवाई केलक। पीठ पूछलक, कतेक गलत करयवलाकेँ रोकल गेल अछि आ हम एहन लाभार्थीक भौगोलिक वितरण जानय चाहैत छी।
पीठ गुजरातक ५० सँ बेसी सफल राष्ट्रीय पात्रता-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) अभ्यर्थी द्वारा दायर एकटा अलग याचिकापर सेहो सुनवाई कऽ रहल अछि जाहिमे केन्द्र आ राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) केँ विवादास्पद परीक्षा रद्द करबासँ रोकबाक निर्देश देबाक मांग कयल गेल अछि।
एकटा याचिकाकर्ताक प्रतिनिधित्व करैवला ओकीलसभ तर्क शुरू कयलनि जे ओ पेपर लीक, ओएमआर शीटमे हेरफेर, अभ्यर्थीक स्थान पर परीक्षा देबय बला कोनो आन व्यक्ति आ धोखाधड़ी सन आधारपर परीक्षा रद्द करबाक माँग कऽ रहल छथि।
केन्द्र आ राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) हालेमे सर्वाेच्च न्यायालयकेँ कहलक जे गोपनीयताक उल्लंघनक कोनो साक्ष्यक बिना परीक्षा रद्द कयलासँ लाखो ईमानदार उम्मीदवारपर ष्बहुत प्रतिकूल प्रभावष् पड़त।
एनटीए आ केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ५ मईक परीक्षामे प्रश्न पत्र लीकसँ लऽ कऽ अभ्यर्थीक स्थान पर उम्मीदवार द्वारा पैघ स्तरपर कथित अनियमितताकेँ लऽ कऽ छात्र आ राजनीतिक दल द्वारा व्यापक मीडिया बहस आ विरोधक केन्द्रमे रहल अछि।
एनईईटी-यूजी परीक्षा एनटीए द्वारा देशभरिक सरकारी आ निजी संस्थानमे एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष आ अन्य सम्बन्धित पाठ्यक्रममे प्रवेशक लेल आयोजित कयल जाइत अछि। कागज लीक सहित अनियमितताक आरोपक कारण कतेको शहरमे विरोध प्रदर्शन भेल आ प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलक बीच झगड़ा भेल।
केंद्र आ एनटीए १३ जूनकेँ अदालतकेँ कहलक जे ओ १,५६३ उम्मीदवारकेँ देल गेल ग्रेस मार्क्स रद्द कऽ देलक अछि। हुनका सभकेँ या तँ फेरसँ परीक्षा देबाक विकल्प देल गेल छल अथवा समयक हानि पर देल गेल प्रतिपूरक अंककेँ छोड़ि देल गेल छल।
एनटीए २३ जूनकेँ आयोजित पुनः परीक्षाक परिणाम जारी कयलाक बाद १ जुलाईकेँ संशोधित रैंक सूचीक घोषणा कयलक। एनटीएक इतिहासमे अभूतपूर्व कुल ६७ छात्र ७२० अंक प्राप्त कयलनि, जाहिमे हरियाणाक एकटा केन्द्रक छओ छात्र सहित सूची परीक्षामे अनियमितता पर संदेह उत्पन्न कयलक। आरोप लगाओल गेल अछि जे ग्रेस स्कोरसँ ६७ छात्रकेँ शीर्ष स्थान प्राप्त करबामे सहायता भेटल।
१ जुलाईकेँ एनटीए द्वारा संशोधित परिणाम घोषित कयलाक बाद नीट-यूजीमे शीर्ष श्रेणीक अभ्यर्थीक संख्या ६७सँ घटि ६१ भऽ गेल।