नई दिल्ली/ अदानी समूहक कंपनी अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोनकेँ सर्वाेच्च न्यायालयसँ राहत भेटल अछि। सर्वाेच्च न्यायालय गुजरात उच्च न्यायालयक ओहि आदेशपर रोक लगा देलक जाहिमे अदानी बन्दरगाहकेँ १०८ हेक्टेयर जमीन वापिस करबाक लेल कहल गेल छल।
ई जमीन कच्छ जिलाक मुन्द्रा बन्दरगाह लग स्थित अछि। सर्वाेच्च न्यायालय एहि मामिलामे गुजरात सरकारकेँ नोटिस जारी कऽ जवाब मँगने अछि। ई जमीन २००५ मे अदानी पोर्ट्सकेँ आवंटित कयल गेल छल। २०१०मे जखन अदानी बन्दरगाह जमीनपर बाड़ लगाबय लागल तखन स्थानीय गामक लोक कम्पनीक विरुद्ध जनहित याचिका दायर कयलनि।
एकर बाद गुजरात उच्च न्यायालय १०८ हेक्टेयर जमीन वापिस करबाक आदेश देलक। राज्य सरकार सेहो जमीन वापिस लेबाक लेल सहमत भऽ गेल छल। ई जमीन मवेशी चरयबाक श्रेणी कहल जाइत अछि।
२००५मे अदानी पोर्ट्सकेँ मुन्द्रा बन्दरगाह विशेष आर्थिक क्षेत्र परियोजनाक लेल २३१ एकड़ जमीन आवंटित कयल गेल छल। एकरा लेल अदानी समूह ₹११.२१ लाखक ३०ः प्रीमियमक सङ्ग ३७.३९ लाख टाकासँ बेसी भुगतान कयलक।
अदानी पोर्ट्स भारतक सबसँ पैघ निजी बन्दरगाह संचालक आ एंड-टू-एंड रसद प्रदाता अछि। एकर १३ बन्दरगाह आ टर्मिनल देशक बन्दरगाह क्षमताक लगभग २४ प्रतिशत प्रतिनिधित्व करैत अछि। एकर क्षमता ५८० एमएमपीटीए अछि। पहिने एकरा गुजरात अदानी पोर्ट लिमिटेड नाम देल गेल छल।
कंपनी वित्त वर्ष २५ मे कार्गाे-वॉल्यूमक लक्ष्य ४६०-४८० मीट्रिक टनक बीच निर्धारित कयलक अछि। ई पछिला वित्तीय वर्षक तुलनामे २३ प्रतिशत बेसी अछि। वित्त वर्ष २०२४क लेल कंपनी ३९० मीट्रिक टनक लक्ष्य निर्धारित कयलक छल। कंपनी पछिला वित्तीय वर्षमे मुन्द्रा बन्दरगाहसँ १८ करोड़ मीट्रिक टन मालक परिवहन कयलक। कंपनी चालू वित्तीय वर्षक लेल अपन लक्ष्य सेहो बढ़ाकऽ १८० एमएमटी कऽ देलक अछि।