प्रो. उदय नारायण सिंह ‘नचिकेता’ जी के सातम विश्वम्भर मैथिली साहित्य सम्मान….

लहरि रूम (रांची) : विश्वम्भर फाउंडेशन,राँची कें सचिव नवीन कुमार जी कें द्वारा बताओल गेल अछि जें साहित्यकार प्रो उदय नारायण सिंह ‘नचिकेता’ जी के वर्ष 2024 क’ विश्वम्भर मैथिली साहित्य सम्मान प्रदान कयल जायत | पिछला सात बरख सँ इ पुरस्कार विश्वम्भर फाउंडेशन, राँची द्वारा मैथिली साहित्य के क्षेत्र मे उत्कृष्ट योगदान देनिहार साहित्यकार के चयन समितिक माध्यम सँ चयनित क’ प्रदान कयल जाइत अछि | एहि बेरक सातम विश्वम्भर मैथिली साहित्य सम्मान फाउंडेशन द्वारा प्रो उदय नारायण सिंह ‘नचिकेता’ जी केँ प्रदान कैल जाएत । वर्ष 2018 सँ सम्पूर्ण भारतक मैथिली साहित्य कें कथाकार आओर रचनाकार कें नजरि अहि विश्वम्भर मैथिली साहित्य सम्मान पर रहति छनि। मैथिली साहित्य मे चयनित साहित्यकार द्वारा कयल गेल काज, शोध आ सृजन केँ देखैत फाउंडेशन,रांची हुनका अहि विशिष्ठ सम्मानक सँ सम्मानित कैल जाइत अछि | अखन धरि मैथिली साहित्य के क्षेत्र मे अहि सम्मान सँ स्वर्गीय लिली रे, स्वर्गीय पंडित गोविंद झा, स्व. कीर्ति नारायण मिश्र, डॉ. प्रो.भीम नाथ झा, शिवशंकर श्रीनिवास आ डॉ. सुभाष चंद्र यादव केँ फाउंडेशन द्वारा सम्मानित कयल गेल अछि । अहि सम्मान मे चयनित विशिष्ट व्यक्ति विशेष कें फाउंडेशन द्वारा के 1 लाख 11 हजार टका नकद संग प्रतिक चिन्ह प्रदान कयल जाइत अछि।

प्रो. उदय नारायण सिंह ‘नचिकेता’ जी के एकटा परीचय
शिक्षा- बी. ए. (सम्मान) भाषाविज्ञान (प्रथम ईशान स्कॉलर) कलकत्ता विश्वविद्यालय, कलकत्ता
एम.ए. भाषाविज्ञान, पी-एचडी. भाषाविज्ञान, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
जन्म-1951 ई. कलकत्तामे।पहिल काव्य संग्रह ‘कवयो वदन्ति’। 1971 ‘अमृतस्य पुत्राः’ (कविता संकलन) आऽ ‘नायकक नाम जीवन’ (नाटक)| 1974 मे ‘एक छल राजा’/ ’नाटकक लेल’ (नाटक)। १९७६-७७ ‘प्रत्यावर्त्तन’/ ’रामलीला’(नाटक)।1978 मे जनक आऽ अन्य एकांकी। 1981‘अनुत्तरण’(कविता-संकलन)। 1988 ‘प्रियंवदा’ (नाटिका)। 1997 -‘रवीन्द्रनाथक बाल-साहित्य’(अनुवाद)। 1998 ‘अनुकृति’- आधुनिक मैथिली कविताक बंगलामे अनुवाद, संगहि बंगलामे दूटा कविता संकलन। 1999 ‘अश्रु ओ परिहास’। 2002 ‘खाम खेयाली’। 2006 मे ‘मध्यमपुरुष एकवचन’(कविता संग्रह। 2008 ई. मे नाटक “नो एण्ट्री: मा प्रविश” सम्पूर्ण रूपेँ “विदेह” ई- पत्रिकामे धारावाहिक रूपेँ ई-प्रकाशित भए एकटा कीर्तिमान बनेलक।2009 ई.-श्री उदय नारायण सिंह “नचिकेता”केँ नाटक नो एण्ट्री: मा प्रविश लेल कीर्तिनारायण मिश्र साहित्य सम्मान।
रचना संसार- मैथिली साहित्य मध्य छद्म नाम ‘नचितकेता’क नामे, मैथिली आ बंगला साहित्यक कवि आ नाटककारक रूपमे प्रख्यात श्री सिंह एखन धरि चारि कविता संग्रह, एगारह गोट नाटक (मैथिलीमे), छओ साहित्यिक निबंध आ दू टा कविता संग्रह (बांग्लामे), एकर अतिरिक्त एहि दुनू भाषामे आ अंग्रेजीमे कतोक पुस्तकक अनुवाद क’ चुकल छथि। 1966 मे 15 वर्षक उम्रमे पहिल काव्य संग्रह ‘कवयो वदन्ति’। 1971 ‘अमृतस्य पुत्राः’ (कविता संकलन) आऽ ‘नायकक नाम जीवन’ (नाटक)| 1974 मे ‘एक छल राजा’/ ’नाटकक लेल’ (नाटक)। 1976-77 ‘प्रत्यावर्त्तन’/ ’रामलीला’(नाटक)। 1978 मे जनक आऽ अन्य एकांकी। 1981 ‘अनुत्तरण’(कविता-संकलन)। 1988 ‘प्रियंवदा’ (नाटिका)। 1997 -‘रवीन्द्रनाथक बाल-साहित्य’(अनुवाद)। 1998 ‘अनुकृति’- आधुनिक मैथिली कविताक बंगलामे अनुवाद, संगहि बंगलामे दूटा कविता संकलन। 1999 ‘अश्रु ओ परिहास’।2002 ‘खाम खेयाली’। 2006 मे ‘मध्यमपुरुष एकवचन’(कविता संग्रह) . 2008 ई. मे नाटक “नो एण्ट्री: मा प्रविश” सम्पूर्ण रूपेँ “विदेह” ई- पत्रिकामे धारावाहिक रूपेँ ई-प्रकाशित भए एकटा कीर्तिमान बनेलक। भाषा-विज्ञानक क्षेत्रमे दसटा पोथी आऽ दू सयसँ बेशी शोध-पत्र प्रकाशित। 14 टा पी.एच.डी. आऽ 29 टा एम.फिल. शोध-कर्मक दिशा निर्देश।
आन साहित्यिक गतिविधि- प्रो. सिंह बांगलादेश, कॅरबियन आयलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नेपाल, पाकिस्तान, रूस, सिंगापुर, स्वीडन, थायलैंड आर अमेरिकामे विविध विषय पर अपन व्याख्यान देने छथि।
इंडो-इटैलियन कल्चरल एक्सचेंज फॉर क्रिएटिव रायटर्सक सदस्य(1999), त्रिनिदाद आर टॉबेगो मे कार्यालयी प्रतिनिधिक सदस्य (2002), आ मॉरीशस (2005), फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेलामे आमंत्रित कवि, जतय ‘इंडिया गेस्ट ऑफ ऑनर’ सँ सम्मानित भेलाह (2006), हालहिमे चीन मे संपन्न एगारह लेखकक सांस्कृतिक प्रतिनिधिक प्रमुखक रूपमे भाग नेने छलाह।
कार्यक्षेत्र- महाराजा सियाजी राव विश्वविद्यालय,बड़ौदा,(1979-81), दक्षिणी गुजरात विश्वविद्यालय (1981-85), दिल्ली विश्वविद्यालय,दिल्ली (1985-87), हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद,(1987-2000) मे भाषाविज्ञानक प्रोफेसर, ओ अतिथि प्रोफेसरक रूपमे इंडियन इन्स्टीच्यूट ऑफ एडवांस स्टडी, शिमला (1989) मे काज करैत वर्तमानमे केन्द्रीय भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर मे निदेशकक पद पर आसीन छथि।
2017 मे “ जहलक डायरी”क लेल मैथिली साहित्य अकादमी पुरस्कार सँ सम्मानित । 2023 मे साहित्य अकादमी मे 5 बर्ख लेल मैथिली भाषाक संयोजक नियुक्त भेला अछि …..