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Friday, August 22, 2025
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HomeराजनीतिCAA मे भारतीय अल्पसंख्यकक हित केँ पूरा ध्यान राखल गेल अछि 

CAA मे भारतीय अल्पसंख्यकक हित केँ पूरा ध्यान राखल गेल अछि 

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गौतम चौधरी

भारतीय नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पर 5 बरख पहिने मोहर लागल छल। मुदा, एखन धरि एकरा लागू नहि कयल गेल छल। केन्द्रीय गृह मंत्रालय एकरा लागू करबामे एतेक समय किएक लागल, एकर पाछूक जटिलताक व्याख्या कयलक अछि। सीएए केँ लऽ कऽ देश भरिमे प्रदर्शन सेहो भेल। ई एहि लेल भेल किएक तँ आम लोककेँ समय पर सही तथ्यक जानकारी नहि देल गेल छल। एकर लेल केंद्र सरकारकेँ दोषी ठहरायल जा सकैत अछि, मुदा सीएए एकटा समुदाय विशेष लेल हानिकारक अछि, एहिमे रत्तीभर सत्यता नहि अछि।

नागरिकता संशोधन कानून लागू भेलाक बाद आब तीन पड़ोसी मुस्लिम बहुल देश पाकिस्तान, बांग्लादेश आ अफगानिस्तानक ओ लोक जे कोनो तरहक उत्पीड़न सहलाक बाद दिसंबर 2014 धरि भारत आयल छलाह, हुनका भारतक नागरिकता भेटत। ई तर्क देल जा सकैत अछि जे सीएएक उद्देश्य 31 दिसंबर, 2014 सँ पहिने अफगानिस्तान, बांग्लादेश आ पाकिस्तान सँ आयल प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यक हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी आ ईसाई केँ शरण देनाइ अछि। ऐहि विधेयक के पांछा विचार या अछि कि हुनका भारतमे नागरिकता आ सुरक्षा प्रदान करबाक छैन आ भारतमे मुस्लिम नागरिकक नागरिकता पर एकर कोनो प्रभाव नहि पड़त।

एकर पक्षमे पहिल तर्क मानवीय आधार पर अछि जे सीएए पड़ोसी देशसभ मे उत्पीड़नक सामना करैवला धार्मिक अल्पसंख्यकसभक दुर्दशाक प्रति मानवीय प्रतिक्रिया अछि। हुनका सभकेँ भारतीय नागरिक बनबाक मौका दऽ कऽ एहि कानूनकेँ धार्मिक उत्पीड़नक कारण उक्त देशसँ भारत आबि गेल लोकनि सभकेँ सुरक्षित आश्रय प्रदान करबाक एकटा तरीकाक रूपमे देखल जा रहल अछि। आब जतय धरि मुसलमानक सवाल अछि, चूँकि  ओ देश (अफगानिस्तान, बांग्लादेश आ पाकिस्तान) सँ प्रताड़ित अल्पसंख्यकसभकेँ सुविधा देल जायत, ओत मुसलमान आबादी बहुसंख्यक अछि आ हुनका धर्मक आधार पर प्रताड़ित नहि कयल जाइत अछि, तेँ हुनका एहि अधिनियमसँ बाहर राखल गेल अछि। दूसर, जँ हम ऐतिहासिक संदर्भकेँ देखब तऽ सीएए प्रताड़ित समुदायकेँ आश्रय देबाक भारतक ऐतिहासिक लोकाचारक अनुरूप अछि। ऐतिहासिक उदाहरणक उल्लेख कयल जा सकैत अछि जतय भारत उत्पीड़नक सामना करैवला समुदायक लेल शरण रहल अछि, जाहि कारणेँ भारतमे एकटा समन्वयात्मक संस्कृतिक विकास भेल। हमरा लोकनिक ई बात ध्याम मे रखैवाक चाही। 

एहि तरहक कानून एहि लेल सेहो बनाओल गेल अछि किएक तँ बांग्लादेश, पाकिस्तान आ अफगानिस्तानसँ धार्मिक आधारपर प्रताड़ित अल्पसंख्यकसभ जे भारत आबि भारतमे शरण लेलक अछि, हुनका लग उचित दस्तावेज नहि अछि। एहि कानूनक अधिनियमन आ कार्यान्वयनसँ एहन प्रताड़ित लोकक कल्याण प्राप्त होयत। ई कानून राष्ट्रीय सुरक्षामे सेहो महत्वपूर्ण भूमिका निभाओत। सीएए स्वाभाविक रूपसँ किछु शरणार्थी समुदायक स्थितिकेँ औपचारिक रूपसँ राष्ट्रीय सुरक्षामे योगदान देत। एहिसँ देश एहन आबादीक उपस्थितिकेँ ट्रैक आ प्रबंधित करबामे सक्षम होयत।

समानता आ धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधानमे अन्तर्निहित अछि किएक तँ अफगानिस्तान, बांग्लादेश आ पाकिस्तानक मुसलमानसभकेँ धर्मक आधारपर प्रताड़ित नहि कयल गेल छल। एहिसँ भारतीय मुसलमानक नागरिकताक स्थितिपर कोनो प्रभाव नहि पड़त। नागरिक संशोधन अधिनियमकेँ लऽ कऽ एकटा कथित भेदभावपूर्ण भावनाकेँ सेहो बढ़ावा देल जा रहल अछि, मुदा एहन नहि अछि। चूँकि ई अधिनियम २०१९ मे लागू भेल छल आ एखन धरि कोनो भारतीय मुसलमानक नागरिकताक स्थितिकेँ प्रभावित नहि कयलक अछि, तेँ अल्पसंख्यक, विशेष रूपसँ मुसलमानसभकेँ एहि अधिनियमसँ डरबाक कोनो आवश्यकता नहि अछि। एहि सं हुनकर नागरिकता पर कोनो असर नहि पड़त। किछु अवसरवादी राजनेता, तथाकथित धार्मिक नेता आ बुद्धिजीवी एहि कानूनसँ आम लोककेँ नाराज कऽ रहल छथि। एहिमे सरकारक विरोध आ पूर्वाग्रहक लेल किछु नहि अछि।

(आलेख में व्यक्त विचार लेखकक निजी छैन। ऐहि सं हमर प्रबंधनक कोई खास सरोकार नहि अछि।)

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