पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नबका नालंदा विश्वविद्यालय केँ उद्घाटन कयलनि। ई विश्वविद्यालय 455 एकड़ मे पसरल अछि। एकर कुल 221 संरचना अछि। एहि विश्वविद्यालय केँ निर्माणक आधारशिला तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा 19 सितम्बर 2014 क’ राखल गेल छल । आर्किटेक्ट बीबी जोशी नालंदा विश्वविद्यालयक प्रारूप केँ डिजाइन बनौने छथि।
सीएम नीतीश कुमार ई बात कहलनि
पीएम मोदी केँ स्वागत करैत सीएम नीतीश कुमार कहलनि जे ई बहुत हर्षक बात अछि जे अहाँ पहिल बेर एतय आबि रहल छी। पुरान विश्वविद्यालयक खंडहर एखनो बरकरार अछि। नालंदा विश्वविद्यालय केँ पहचान ज्ञानक केंद्र केँ रूप मे बनल छल । पहिने 15 हजार छात्र एहि ठाम पढ़ैत छलाह। देश-दुनियाक कतेको ठाम सँ लोक पढ़य लेल अबैत छला । चीन, जापान, श्रीलंका सहित कतेको अन्य देशक लोक एतय पढ़य लेल आबि जाइत छला। 12म शताब्दी मे एकरा नष्ट क’ देल गेल छल । मार्च 2005 मे तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम नालंदा विश्वविद्यालयक फेर सँ स्थापित करबाक गप केने छलाह। ओना बाद मे ओ मना क’ देलथि, मुदा जखन ओ विधान मंडल मे अयला त’ ओ कहला जे नालंदा विश्वविद्यालय क’ फेर सँ स्थापित कैल जाए। नव नालंदा विश्वविद्यालय केँ अंतर्राष्ट्रीय स्तर केँ रूप मे बनाबय पड़ल छल, ताहि लेल केंद्र सरकार सँ बात केलहुं मुदा ओहि समय मदद नहि भेटल एकर बाद हम एकटा नव कानून बनेलहुं। तखन राज्य सरकार नव विश्वविद्यालय लेल 455 एकड़ जमीन क’ अधिग्रहण केलक। ई सब बात कहब जरूरी अछि। ताकि लोक पुरान चीज के सेहो जानि सकय, आ एकर संरचना कोना की बनल।
पीएम नरेंद्र मोदी कहलनि: नालंदा केँ मतलब छैक जतय शिक्षा आओर ज्ञानक निर्बाध प्रवाह होईत होई । जतय शिक्षा कोनो सीमा सँ बाहर अछि। ई लाभ-हानि केँ परिप्रेक्ष्यसँ परे अछि। शिक्षा एहन श्रोत अछि जे हमरा सबके गढ़ैत अछि, ओहि विचार आ आकार दैत अछि । पूर्व मे नालंदा मे बच्चाक प्रवेश ओकर पहचान आ राष्ट्रीयता केँ आधार पर नहि होइत छल नालंदा मे 20 सँ बेसी देशक लोक अध्ययन करैत छला । नालंदा विश्वविद्यालय आसियान इंडिया विश्वविद्यालय के दिशा मे कार्य क’ रहल अछि। 21वीं सदी क’ एशिया क’ शताब्दी कहल जा रहल अछि। हमर सबहक संयुक्त प्रयास दुनिया केँ नव प्रगति केँ मार्गदर्शन करत।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय केँ नव परिसर केँ भेल उद्घाटन , कहलनि – पुनः भारत शिक्षा अभियान कें केंद्र बनत।
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