रामप्रकाश पाण्डेय
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघक दृष्टिकोणसँ संघ राँचीकेँ ईसाई मिशनरीसभक सबसँ पैघ केन्द्र मानैत अछि। संघ आ ओकर सहयोगी लोकनिक मानब छनि जे देशमे रहनिहार आदिवासी समाजक बीच जे सभ विवादास्पद प्रश्न उठैत अछि, चाहे ओ अलग धर्म संहिताक माँग हो, आदिवासी हिन्दू नहि अछि, सूचीमुक्त आदि झारखण्डक राजधानी रांची एहि सभ मुद्दाक जननी अछि।
संभवतः एहि मुद्दाक कारणेँ भाजपा लोकसभा चुनावमे झारखण्डमे पाँच आदिवासी आरक्षित सीट हारि गेल। यद्यपि संघ सदिखन ई दावा करैत रहल अछि जे एकर राजनीतिसँ कोनो लेना-देना नहि अछि, मुदा ई मात्र कहबाक विषय अछि। वास्तवमे, संघ आ राजनीतिक बीच सम्बन्ध एकटा सुग्गरक जकाँ अछि जे आबयवला खतराकेँ अनुभव करैत अपन माथ बालुमे गाड़ि दैत अछि मुदा ओकर पूरा शरीर बाहर देखाइत अछि।
खैर, एहि आलेखक उद्देश्य ई नहि अछि जे हम आरएसएस प्रमुखक रांची के १० दिवसीय यात्राक औचित्य तकबाक प्रयास कऽ रहल छी। किएक तँ आजुसँ मात्र तीन मासक बाद झारखण्डमे विधानसभा चुनाव भऽ रहल अछि आ जनता लोकसभा चुनावमे अपन रुख बता देने अछि। स्वाभाविक रूप सं संघ चिंतित होएत। किएक तँ संघ प्रमुख एतेक दिन राँचीमे एहिसँ पहिने कहियो नहि रहलाह।
चूँकि झारखण्डमे आदिवासी आबादी बेसी अछि आ राज्यक आदिवासीक बीच अलग धर्म संहिता अछि, आदिवासी हिन्दू नहि छथि, सूचीबद्धता जेहन मुद्दा पर बहुत चर्चा होइत अछि आ संघक मानब अछि जे जँ एहि मुद्दाक कोनो सार्थक उत्तर जल्दिये नहि भेटत तखन आबयवला चुनावमे भाजपाकेँ मात्र पैघ नोकसानक सामना नहि करय पड़त, बल्कि आदिवासी सेहो संघसँ दूर रहत आ एकर भरपाई बहुत दिन धरि संभव नहि होयत।
उल्लेखनीय अछि जे संघक सम्बद्ध संगठन होयबाक दावा करयवला जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा २४ दिसम्बर २०२३ केँ राँचीक मोराबादी मैदान मे आदिवासी सूचीसँ धर्मान्तरित लोकनिकेँ बाहर करबाक माँग करैत एक लाख आदिवासीक रैली झारखण्डक राजनीति गर्म कऽ देलक अछि।
एकर अतिरिक्त, जनजाति सुरक्षा मंचक राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगतक एहि कथनसँ आदिवासी हिन्दू अछि, आ राँचीमे गणेश राम भगतक पुतला दहन कयल गेल, एहि बयानसँ आदिवासी समाजक नेता लोकनि बहुत क्रोधित छलाह। मुदा, ई देखब रोचक होयत जे झारखण्डक एहि ज्वलंत मुद्दा पर संघ कोन रणनीति बनबैत अछि। मोहन राव संभवतः एहिमेसँ किछु मुद्दाक सङ्ग झारखण्डक राजधानी राँचीमे फँसल छथि। एकर प्रभाव एखन धरि नहि पड़ल अछि।
(लेखक जसपुरमे रहैत छथि आ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) शाखासँ जुड़ल छथि। इलकर आदिवासी विषय पर नीक पकड़ छैन। अहाँक विचार व्यक्तिगत अछि। एकरसं हमर प्रबंधनक कोनो लेना-देना नहि अछि।)