spot_img
Friday, August 22, 2025
spot_img
Homeटटका खबरिस्कूल मे दंगा के बारे मे पढ़ाबय के जरूरत नहि, ई हिंसक...

स्कूल मे दंगा के बारे मे पढ़ाबय के जरूरत नहि, ई हिंसक नागरिक पैदा कऽ सकैत अछि : सकलानी

-

नवका दिल्ली/ राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद (एनसीईआरटी)क निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी स्कूलक पाठ्यक्रममे भगवाकरणक आरोपकेँ खारिज कऽ देलनि अछि। एकटा संवाद समिति सँ बातचीत करैत सकलानी कहलनि जे स्कूलक पाठ्यपुस्तकमे गुजरात दंगा आ बाबरी मस्जिद विध्वंसक सन्दर्भकेँ संशोधित कयल गेल छल, किएक तँ दङ्गाक विषयमे पढ़ाबयसँ ‘एकटा हिंसक आ उदास नागरिक भऽ सकैत अछि।

ओ कहलनि जे पाठ्यपुस्तक बदलब वार्षिक संशोधनक हिस्सा अछि आ एकरा शोर-शराबक विषय नहि बनयबाक चाही। ई पूछला पर कि एनसीईआरटी के पाठ्यपुस्तक गुजरात दंगा या बाबरी मस्जिद विध्वंस के संदर्भ बदलि देत, सकलानी कहलखिन, हम स्कूल के पाठ्यपुस्तक मे दंगा के बारे मे किएक पढ़ाब? हम सकारात्मक नागरिक बनबय चाहैत छी, हिंसक आ अवसादग्रस्त व्यक्ति नहि।

ओ कहला की हमसभ अपन छात्रसभकेँ एहि तरहेँ पढ़ा देब जे ओ आक्रामक भऽ जाय, समाजमे घृणा उत्पन्न कऽ सकय वा घृणाक शिकार बनि जाय? की इ शिक्षाक उद्देश्य अछि? की हमसभ एहन छोट बच्चासभकेँ दंगा के बारे मे सिखाउ। जखन ओ पैघ होइत छथि तखन ओ एकर बारे मे सीखि सकैत छथि, मुदा स्कूलक पाठ्यपुस्तक मे कियैक। हुनका बुझय दियौ जे की भेल आ जखन ओ पैघ भेलाह तखन ई किएक भेल। ओ बजला परिवर्तनक विषयमे हंगामा अप्रासंगिक अछि।

सकलानी के टिप्पणी एहन समय मे आयल अछि जखन बाजार मे नव पाठ्यपुस्तक पसार भ‘ रहल अछि। कक्षा 12क संशोधित राजनीति विज्ञानक पाठ्यपुस्तकमे बाबरी मस्जिदक उल्लेख नहि अछि।

एहिमे अयोध्या खंड चारि सँ घटा कए दू पन्ना कऽ देल गेल अछि आ पछिला संस्करणक विवरण हटा देल गेल अछि। एकर बदला ई सर्वाेच्च न्यायालयक फैसला पर ध्यान केन्द्रित करैत प्रतीत होइत अछि, जे दिसम्बर 1992 मे कारसेवक द्वारा ध्वस्त करबासँ पहिने ओहि स्थल पर राम मन्दिरक निर्माणक मार्ग प्रशस्त कयलक जतय विवादित संरचना ठाढ़ छल। सर्वाेच्च न्यायालयक फैसलाकेँ देशमे व्यापक रूपसँ स्वीकार कयल गेल।

अदालतक फैसला देशमे व्यापक रूपसँ स्वीकार कयल गेल। मन्दिरमे राम मूर्तिक अभिषेक एहि साल 22 जनवरीकेँ प्रधानमंत्री द्वारा कयल गेल छल। ष्हम सकारात्मक नागरिक बनबय चाहैत छी आ इ हमर पाठ्यपुस्तकक उद्देश्य अछि। हम सभ किछु ओहिमे नहि राखि सकैत छी। हमर शिक्षाक उद्देश्य हिंसक आ उदास नागरिक उत्पन्न करब नहि अछि। घृणा आ हिंसा अध्यापनक विषय नहि अछि। ई सभ हमरा सभक पाठ्यपुस्तकक केन्द्रबिन्दु नहि होयबाक चाही।

ओ कहलनि जे 1984क दङ्गाक उल्लेख पाठ्यपुस्तकमे नहि होयबाक कारणेँ एहन कोनो हंगामा नहि भेल छल। पाठ्यपुस्तकसँ हटायल गेल सन्दर्भमे गुजरातक सोमनाथसँ अयोध्या धरि भाजपाक रथ यात्रा सम्मिलित अछि; कारसेवकक भूमिका; बाबरी मस्जिद विध्वंसक बाद साम्प्रदायिक हिंसा; भाजपा शासित राज्यमे राष्ट्रपति शासन आ अयोध्याक घटना पर भाजपाक खेदक अभिव्यक्ति सेहो शामिल अछि।

अगर सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर, बाबरी मस्जिद या राम जन्मभूमि के पक्ष मे फैसला देलक अछि तऽ की एकरा हमर पाठ्यपुस्तक मे शामिल नहि कैल जाय तऽ ओहिमे की समस्या अछि? हम नवीनतम चीज के शामिल कए लेलहुं। जँ हमसभ नव संसद बनौने छी तखन की हमर छात्रसभकेँ एकर जानकारी नहि होयबाक चाही? प्राचीन घटना आ हालक घटनाक्रमकेँ सम्मिलित करब हमर कर्तव्य अछि।

पाठ्यक्रम आ अंततः पाठ्यपुस्तकक भगवाकरणक आरोपक विषयमे पूछला पर सकलानी कहलनि, जँ किछु अप्रासंगिक भऽ गेल अछि तँ ओकरा बदलय पड़त। एकरा किएक नहि बदलल जाए। हमरा अईठाम कोनो भगवाकरण नहि देखाइत अछि। हम छात्रसभकेँ इतिहास पढ़ाबैत छी जाहिसँ ओ तथ्यक विषयमे सीखि सकथि, एकरा युद्धक मैदान नहि बना सकथि।

जँ हम भारतीय ज्ञान प्रणालीक बात कऽ रहल छी तखन ई भगवाकरण कोना भऽ सकैत अछि? जँ हम महरौलीक लौह स्तम्भक बात कऽ रहल छी आ कहि रहल छी जे भारतीय कोनो धातु विज्ञानीसँ बहुत आगू छलाह तखन की हम गलत छी? ई केना भगवाकरण भए सकैत अछि?

सकलानी 2022 मे एनसीईआरटीक निदेशकक पदभार सम्हारलनि। ताहिसँ पहिने ओ हेमवतीनन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालयमे प्राचीन इतिहास विभागक प्रमुख छलाह। पाठ्यपुस्तकमे परिवर्तन करबाक लेल हुनका आलोचनाक सामना करय पड़ि रहल अछि, विशेष रूपसँ ऐतिहासिक तथ्यसँ जुड़ल।

पाठ्यपुस्तक बदलबामे गलत की अछि? पाठ्यपुस्तककेँ अद्यतन करब एकटा वैश्विक अभ्यास अछि, मुदा ई शिक्षाक हितमे अछि। पाठ्यपुस्तकक समीक्षा एकटा वार्षिक अभ्यास अछि। जे किछु परिवर्तन कयल जाइत अछि ओकर निर्णय विषय आ शिक्षाशास्त्र विशेषज्ञ द्वारा कयल जाइत अछि। हम एहि प्रक्रिया मे हस्तक्षेप नहि करैत छी।

पाठ्यक्रमकेँ भगवाकरण करबाक कोनो प्रयास नहि कयल जा रहल अछि, सब किछु तथ्य आ साक्ष्य पर आधारित अछि। एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप स्कूलक पाठ्यपुस्तकक पाठ्यक्रममे संशोधन कऽ रहल अछि।

Related articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest posts