लहरि रूम :ओडिशा केँ मुख्यमंत्री कार्यालय एहि बातक पुष्टि केलक अछि। एतय साँपक उपस्थिति केँ आशंका केँ कारण स्नेक हेल्पलाइन केँ संग मेडिकल टीम सेहो मौजूद छल। ओडिशा केँ कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिश्चंदन कहलनि जे, मंदिर केँ रत्न भंडार खोलला केँ बाद गहना आ कीमती सामानक सूची तैयार कयल जायत।
अधिकारी केँ अनुसार सरकार रत्न भण्डार मे मौजूद कीमती सामानक डिजिटल लिस्टिंग होयत , जाहि मे ओकर वजन आ निर्माण जेहन विवरण होएत। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षक डीबी गडनायक कहलनि जे, एएसआइ मरम्मती काज हेतु रत्न जमा क’ सर्वेक्षण करताह।
1978 मे खजाना खुजल छल
मंदिरक खजाना केँ अंतिम बेर आधिकारिक तौर पर 46 साल पहिने 1978 मे खोलल गेल छल। खजाना खोलबा सँ पहिने प्रशासन छहटा भारी लकड़ी केँ संदूकक आदेश देलक। एकटा डिब्बा उठाबय मे 8 सँ 10 लोक आवश्यकता परल। ई सब रत्न भंडार मे पठा देल गेल अछि।
निगरानी हेतु समिति गठित
राज्य सरकार एहि खजानाक कीमती वस्तु केँ सूची पर नजरि रखबा लेल एकटा समिति बनेलक अछि। एहि समिति केँ अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ जगन्नाथ मंदिर केँ रत्न भंडार खोलल गेल कहलनि। ओडिशा हाईकोर्ट कें पूर्व न्यायाधीश केँ कहनाय छनि जे अस्थायी तौर पर कीमती सामान केँ राखय वाला जगह पर सेहो पहिने सँ फैसला भ’ गेल अछि।
मंदिरक खजाना मे कतेक खजाना अछि?
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन द्वारा हाईकोर्ट मे देल गेल हलफनामा केँ अनुसार रत्न भण्डार मे तीन कमरा अछि | 25×40 वर्ग फीट केँ भीतरका कक्ष मे 50 किलो 600 ग्राम सोना आ 134 किलो 50 ग्राम चांदी अछि। एहि सभक प्रयोग कहियो नहि भेल। बाहरी कक्ष मे 95 किलो 320 ग्राम सोना आ 19 किलो 480 ग्राम चानी अछि। ई सब पाबनि-तिहार पर निकालल जाइत अछि। संगे-संग वर्तमान कोठली मे तीन किलो 480 ग्राम सोना आ 30 किलो 350 ग्राम चानी अछि। एहि सबहक उपयोग नित्य संस्कार मे होइत अछि।
एहि सँ पहिने कतेक बेर स्टोर खुजल अछि?
मंदिर प्रबंधन समिति केँ प्रमुख अरविंद पाढ़ी केँ कहनाय छनि जे एहि सँ पूर्व 1905, 1926 आओर 1978 मे रत्न भण्डार खोलल गेल छल आओर अनमोल चीज केँ सूची बनाओल गेल छल। रत्न भण्डार अंतिम बेर 14 जुलाई 1985 क’ खोलल गेल छल । एकर बाद रत्न भण्डार कहियो नहि खुजल आ ओकर चाभी सेहो गायब अछि ।
आब मंदिरक भंडार किएक खुजल अछि?
1978 सँ एहि मंदिर मे कतेक संपत्ति आयल अछि एकर कोनो अनुमान नहि अछि। हाल मे भेल विधानसभा आ लोकसभा चुनाव मे रत्न भण्डार क’ खोलनाइ एकटा पैघ मुद्दा छल। भाजपा वादा केने छल जे ओडिशा मे सरकार बनला पर खजाना खुलत।